इस साधना का कोई विधान नहीं है बल्कि इसे पूजा पाठ में शामिल किया जाता है. तुलसी बीजों को सहदेई के रस में पीस करके उक्त मन्त्र से अभिमन्त्रित करके तिलक लगाने से समस्त लोग सम्मोहित होते हैं। विधि: शनिवार की रात को भैरव देव की पूजा करके उक्त मन्त्र https://ferdinandv974sxb7.therainblog.com/34527206/fascination-about-वश-करण-म-त-र-क-स-च-ह-ए